Saturday, March 9, 2019

महारस, उपरस एवं साधारण रस प्रकरण

महारस वर्ग-

अभ्रवैक्रान्तमाक्षिकविमलाद्रिजसस्यकम्। 
चपलोरसकश्चेतिज्ञात्वाऽष्टौ सङ्ग्रहेद्रसान्।। 
                                            (र. र. स. 2/1)

1. अभ्रक
2. वैक्रान्त
3. माक्षिक
4. विमल
5. शिलाजतु (अद्रिज)
6. सस्यक
7. चपल
8. रसक

उपरस वर्ग -

गन्धाश्मगैरिकासीसकाङ्क्षीतालशिलाञ्जनम्।
कङ्कुष्ठं चेतिपरसाश्चाष्टौ पारदकर्मणि।।   (र. र. स. 3/1)


1. गन्धक
2. गैरिक
3. कासीस
4. फिटकरी
5. हरताल
6. मनःशिला
7. अञ्जन
8. कंकुष्ठ

साधारण रस वर्ग-

कम्पिल्लश्चापरो गौरीपाषाण नवसारकः। कपर्दो वह्निजारश्च गिरिसिन्दूर हिङ्गुलौ।।  
मृद्दारश्रृंङ्गमित्यष्टौ साधारणरसाः स्मृताः ।। 
                                               (र. र. स. 3/126-127)

1. कम्पिल्लक
2. गौरीपाषाण 
3. नवसादर
4. कपर्द
5. अग्निजार
6. गिरिसिन्दूर
7. हिंगुल
8. मुर्दाशंख

No comments:

Post a Comment

Please give your feedback in comment box
And follow BAMS STUDIES

Note: Only a member of this blog may post a comment.